उस अस्त्र से राक्षस दारू तथा उसके सहायकों का वध करके व्यस्य शिवधाम को चला गया भगवान शिव के आदेशानुसार ही इस ज्योतिर्लिंग का नाम नागेश्वर पड़ा इस पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन की शास्त्र में बड़ी महिमा बताई गई है कहा गया है कि जो श्रद्धा पूर्वक इसकी उत्पत्ति और महात्मा की कथा सुनेगा उसके सारे पापों और दोषों का भक्षण हो जाएगा और अंत में शिव के परम पवित्र दिव्य धाम को प्राप्त करेगा हर हर महादेव
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