तुम बहुत याद आती हो कभी कभी तो लगता ही कि तू है नहीं है, आज भी कुछ बाते थी तेरी जो याद आ रही थी
बात तब की है जब मै 9th में थी मै आगे की बेंच पर बैठी थी अपना बैग खोल कर देख रही थी कि एक न्यू एडमिशन गर्ल आती है मेरे क्लास में ,
वो लंबी से स्कर्ट पहने हुए थी और वॉटर बॉटल लिए अंदर आती है और इधर उधर देखने लगती है कि कहा बेठू मैंने तुरंत अपना बैग शिफ्ट किया और उसको बैठने दिया,फिर उसने मुझे thanku बोलने के बाद हेलो बोला और बोली मेरा नाम पूनम मिश्रा है और तुम 😘😘😘😘😘मै खुश हो गई मैंने उसको कहा मेरा नाम भी पूनम है।
वो भी हसने लगी ,दिन भर की क्लास और ढेर सारे होमवर्क के साथ हम कुछ कुछ बात भी कर रहे थे,जैसे कहा से आती हो तुम ,और तुमने सारी बुक्स ले ली क्या ,और आई कार्ड कब बनवाओगी ,
इस तरह पूरा एक दिन कट चुका था और मुझे वो बहुत अच्छी लगी,हम एक ही नाम के थे तो क्लास में कुछ लड़कियां गोरी वाली पूनम या सांवली वाली पूनम कहकर जानती थी हम दोनों को ,
पूनम थोड़ी डस्की थी ,उसका स्किन टोन तोड़ा लाइट था पर ये जो नाम रखे गए थे ये मेरे सामने कभी किसी लड़की ने नहीं लिए क्योंकि एक बार एक दूसरे क्लास की लड़की ने उसे काली वाली पूनम बोल दिया था और वो दिन था उसके बाद वो कभी हमारे सामने नहीं पड़ी ,मेरी उससे बहुत बहस हुई ,
ये पहली बार था कि मै मेरी किसी दोस्त को लेकर बहुत सेंसटिव हो गई थी,धीरे धीरे हम बेस्ट फ्रेंड बन गए और फिर पूनम भी मेरे लिए बेस्ट देती थी वो हमेशा मेरे लिए घर से कुछ ना कुछ टेस्टी लाती थी,और हम सब साथ में लंच करके पूरे स्कूल में राउंड लगा कर आते थे ,पूनम पहले साइकिल से आती थी फिर दूर होने की वजह से वो रिक्से से आने लगी पर मैंने उसको बस से आने के लिए मना ही लिया था और फिर हम साथ में आने जाने भी लगे स्कूल ।
पूनम परेशान रहती थी हमेशा वो थोड़ी सनकी साउल्डर थी अचानक खुश और एकदम से दुखी ,पर उसने मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा और ना मैंने उसे,
उसकी परेशानी की वजह उसकी स्टेप मदर थी ,जो उसे हर बात पर ताने देती थी और उसके पापा को भी उससे ठीक से बात नहीं करने देती थी ,पूनम गुस्से में अक्सर अपना आपा खो देती थी एक बार तो उसने मुझे ही गुस्से में जोर का थप्पड़ जड़ दिया था और बात भी इतनी सी थी कि मै मेरी दूसरी दोस्त रीना और जहान के साथ क्लास में चली गई थी और ये मेरे साथ नहीं बैठ पाई थी।
पर मै उसकी हर परेशानी को अच्छे से समझती थी वो खुद को बहुत अकेला महसूस करती थी और उसकी मां के नहीं रहने के बाद उसने है चीज को खुद से दूर होते देखा था शायद उसको यही डर रहता था कि वो मुझे भी ना खो दे,इसीलिए उसने गुस्से में ऐसा कर दिया ,हमने साथ ग्रेजुएशन किया और फिर सब्जेक्ट अलग होने की वजह से हम पोस्ट ग्रेजुएशन में अलग-अलग कॉलेज में हो गए पर हम हमेशा टच में बने रहे मुझे याद है अच्छे से एक बार मेरे बर्थडे पर पूनम स्कूल नहीं आ पाई थी और पूनम मेरे घर से लगभग 4 किलोमीटर दूर रहती थी ऐसे में जब मैं शाम को स्कूल से आने के बाद घर आई तो मम्मी ने बताया मुझे की पूनम आई थी और तुम्हारा गिफ्ट तुम्हारे कमरे में रख कर गई है मैं इतनी खुश थी उस दिन जिसका कोई ठिकाना नहीं कि पूनम इतनी दूर से साइकिल चला कर मेरे लिए आई थी मैं आज भी उस दिन को याद करती हूं तो खुशी के मारे मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं और सोचती हूं की कितनी पागल थी तू तू चाहती तो अगले दिन स्कूल में मुझे मेरा गिफ्ट दे सकती थी पर नहीं मुझे तो बर्थडे वाले दिन ही देना था ऐसे में इतना लंबा रस्ता तय कर के वह मुझे खुश करने के लिए आई थी।
पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद हम सब ने b.Ed करने की सोची और साथ में कोचिंग जाने लगे,एक बार फिर से मै पूनम रीना जहान साथ थे,बस अलग था पूनम का व्यवहार मै समझ नहीं पा रही थी कि क्या हुआ है उसे वो स्कूटी से जिस रास्ते से आती थी उसी रास्ते में मेरा घर भी था पर वो मुझे साथ ले जाने में आना कानी करने लगी थी, हम सब ने बहुत पूछा की क्या वजह है तुम क्यों इतना परेशान रहती हो काफी पूछने पर उसने बताया कि उसका छोटा भाई जोकि उसकी दूसरी मां का बेटा था वह दीपावली के पहले करंट लगने की वजह से इस दुनिया में नहीं रहा हम सब ये यह जानकर हैरान थे कि इतना सब कुछ हो रहा था इसकी जिंदगी में और इसने हम लोगों से बताना भी उचित नहीं समझा और कहीं ना कहीं खुद के ऊपर भी गुस्सा आ रहा था कि हम कैसे दोस्त हैं वह परेशान थी और हम लोगों ने भी जोर जबरदस्ती से पूछना क्यों ठीक नहीं समझा मैं पूनम के घर जब भी गई वहां के माहौल को देखकर कभी ऐसा लगा ही नहीं की उसकी मां उसके साथ में इतनी दूर हो सकती है उसके भाई के नहीं रहने के बाद उसकी मां हमेशा उसे ताने देने लगी की तुम घर छोड़कर चली क्यों नहीं जाती हो या इतने लोग मरते हैं रोज तुम क्यों नहीं मर जाती हो और इतना भी सब कम पड़ गया तो उसने पूनम के लिए रिश्ता ढूंढना चालू कर दिया और रिश्ते भी ऐसे ढूंढ कर लाती थी जैसे कोई ट्रक चलाने वाला ऐसे में पूनम की उलझने बढ़ती जा रही थी।
B.Ed का एंट्रेंस हो चुका था और सिर्फ मैं और रीना b.Ed के एंट्रेंस को पास कर पाए थे ऐसे में पूनम और परेशान रहने लगी पर मैं उसको हमेशा फोन पर समझाती थी कि जिंदगी कभी रुकती नहीं है कुछ ना कुछ बेहतर विकल्प जरूर है जिंदगी में तो तुम परेशान मत हो हम सब मिलकर कुछ ना कुछ सलूशन जरूर निकाल लेंगे और फोन पर बात करते समय वह इतना खुश होकर बात करती थी कि कभी लगता ही नहीं था कि हमारी बातों को सिर्फ एक दिखावे के तौर पर मान रही है हम सबको लगता था की पूनम के लिए हम सबको कुछ न कुछ अच्छा करना ही है और कहीं ना कहीं हम समझे मन में ठान रखा था की जल्दी उसकी मां की बातों और तानों से उसको छुटकारा दिलाएंगे।
इस बीच हम सब थोड़ा व्यस्त हो गए और b.Ed की क्लासेस थोड़े घर के काम इन सारी चीजों के बीच काफी टाइम तक मेरी पूनम से कोई बात नहीं हुई पर जब भी मैं उसका नंबर मिलाती उसका नंबर हमेशा not reachableही बताता मुझे लगा कि शायद वह अपने किसी रिश्तेदार के यहां गई होगी जब लौट कर आएगी तब मुझे जरूर फोन करेगी पर टाइम बिता जा रहा था और मैं उसका नंबर लगातार ट्राई करते रहती थी थोड़े दिनों के बाद मैंने भी गुस्से में सोचा यह क्या तरीका होता है मैं इतनी बार फोन करती हूं क्या कभी उसको नहीं लगता कि मैं भी पलट के कॉल कर लूं एक दूसरे की वजह से मैंने उसे कई दिन तक फोन नहीं किया और जब किया तो उसका फोन परमानेंट स्विच ऑफ बताता था मैंने उसके घर पर भी पता करवाया पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया या कभी तो ऐसा हुआ कि उनके घर पर ताला लगा हुआ मिला।
हम सबको लगा की पूनम की शादी कर दी गई होगी शायद वह अब यहां पर नहीं है और हुआ भी ऐसा ही थोड़े दिनों के बाद जब मैंने उसके घर पर पता करवाया तो उनके पापा ने बताया कि पूनम की शादी हो चुकी है और अब उसकी एक बेटी भी है मैं बहुत हैरान थी कि वह पूनम जो कभी एक काम भी बिना बताए नहीं करती थी आज उसकी शादी हो चुकी है और वह 1 बच्चे की मां भी है और उसने मुझे बताया तक नहीं आखिर क्या वजह रही है उसके पास तो मेरा फोन नंबर भी था मेरे घर के 1-2 सदस्य के नंबर भी उसके पास थे फिर क्यों उसने कुछ भी नहीं बताया ऐसे में मैंने उसे परेशान करना ठीक नहीं समझा मुझे लगा नया घर परिवार नई जिम्मेदारियां उसे थोड़ा सेटल हो जाने देती हूं उसके बाद उससे सारी शिकायतें करूंगी।
फिर एक दिन मेरी फ्रेंड सुनिधि से मेरी बात होती है और बातों बातों में वह मुझे बताती है कि तुमको पता है पूनम मिश्रा ने सुसाइड कर लिया है 😓😓😓😓😓😓😓😧😓 यह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक चुकी थी मैं समझ नहीं पा रही थी कि उसकी इस बात पर मैं क्या प्रतिक्रिया दूं मैंने उससे फिर पूछा क्या कह रही हो तुम पूनम मिश्रा वही पूनम मिश्रा जो मेरे साथ रहती थी और उस दिन मैंने यह भी बोला तुम उस पूनम मिश्रा की बात कर रही हो ना जिसको सब क्लास में काली वाली पूनम मिश्रा बोलते थे। उसने कहा हां वही पूनम जो तुम्हारे साथ रहती थी उसके दो बच्चे हैं और उसने सुसाइड कर लिया
मैंने फोन रख दिया और मैं एकदम शांत होकर यही सोच रही थी की तूने ऐसा क्यों किया एक बार तो तू हम लोगों से बात करती हम सब मिलकर कोई ना कोई रास्ता निकालते हैं हर जीवन को खत्म करना किसी समस्या का समाधान नहीं होता है लगता है कि काश उससे मेरी बात हो रही होती काश मैं उसको समझा पाती कि अभी भी हम साथ हैं काश मैं उससे एक बार कह पाती कि तू अकेली नहीं है तेरे साथ हमेशा हूं मैं तू बहुत याद आती है हां उसके बाद मेरे दोस्त बहुत बने पर जो वह थी वैसा दोस्त कभी कोई नहीं बन पाया और मुझे यह कहने में कतई संकोच नहीं होता है कि तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड थी हमेशा रहेगी तेरे बाद मेरी कोई बेस्ट फ्रेंड नहीं बनी मेरे दोस्त सब है अच्छे दोस्त सब है पर तेरी तरह कोई नहीं है क्योंकि तू तो-एक ही थी मेरी सनकी सोल्जर आई मिस यू यार एल आई लव यू
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