और एक यही इंसान ऐसा होता है जिसके होने ना होने से आपको सही मायनों में फर्क पड़ने लगता है और ये फर्क ही आपको सबसे ज्यादा तकलीफ देता है।
खासकर तब जब किसी को ये पता हो कि आप नहीं रह सकते है उसके बिना और वो आपको ये बोले कि पूरी जिंदगी है बात करने के लिए चार दिन नहीं होगी तो क्या ।
बिल्कुल सच पूरी जिंदगी तो है ना............😒😒😒
पर जिसके लिए आप पूरी जिंदगी हो उसके लिए चार दिन कैसे होते है ये सिर्फ वही समझ सकता है जो कभी रहा हो किसी अपने के बिना।पर आजकल रिश्तो में प्राथमिकता आपको situation के अनुसार ही मिलती है और यह प्राथमिकता तय करता है वो व्यक्ति जिसको शायद फर्क ही नहीं पड़ता आपके होने ना होने से।
क्यों कोई एक ऐसा होता है जो सबकी जगह ले लेता है और आपके पास कई सालो के पुराने रिश्तों को खोखला कर देताl है ये नहीं कहती मै कि कोई किसी के लिए सब छोड़ दे पर....................क्या सच में कोई किसी का हमेशा के लिए नहीं होता ।😓😓😓😓😓😓
शायद इसीलिए कभी किसी को नहीं बोलना चाहिए कि तुम आदत हो मेरी,
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